Friday, May 14, 2010

ईरादा ...

उड़ते पंच्छी के पर कभी गिने नहीं जाते...
वैसे मेरे सपने भी कभी गिने नहीं जाएंगे ...
क्या करे, वे गिन गिन क्र कम होते जा रहे हैं,
मेरी आशाएं निराशाएँ इनका कोई मतलब नहीं?
मुझे क्या करना हैं, कोई पूछेगा भी नहीं......
ऐसे विचार करके अपना जीवन नरक न बनाना मुझे...
दुनियां सुन्दर हैं, आज नहीं तो कल
अपने सपने साकार रूप तो ले ही लेंगे...
सिर्फ अपने आप पर मुझे भरोसा होना चाहिए
आज नहीं तो कल अपने पीछे कोई "अपना" खड़ा रहेंगा
सिर्फ भरोसा होना चाहिए
उड़ते पंछी के पर गिनने की क्या जरुरत हैं...
अपने ईरादे मजबूत होने चाहिए...
फिर पीछे कोई खड़ा रहे या ना रहे......
(: ------------------- :)

1 comment:

  1. अपने ईरादे मजबूत होने चाहिए...
    फिर पीछे कोई खड़ा रहे या ना रहे......

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