Tuesday, October 19, 2010

प्यार..

आया सुहाना मौसम, खत्म हो गया इंतजार,
आई मिलन की बेला, शुरू हुआ हैं प्यार...
भीगी बारिश मैं भीगे हम, वो ही क्या हम भी ना रहें हम,
बाँहों मैं उनके सिमट गए हैं, सांसो की गर्दिश मैं लुट गए हैं,
हाय ! वारी वारी गए हम...
ताजा एहसास दे गए वो, की "तुम सिर्फ हमारे हो सनम..."

2 comments:

  1. बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्छा लगा बापिस आना
    बहुत सुन्दर
    हमने बहुत मिस किया था |

    ReplyDelete