"कविता तो कविता होती हैं, नहीं कोई खेल,
जिस किसी के ह्रदय से आए , उससे नहीं किसी का मेल"
------------------
'' गजले यहाँ मिलती ही नहीं हैं,
क्या लिखें, क्या पढ़ें, क्या गाए यहाँ पें"
------------------
" किसीने कहां -
वाह! क्या बात हैं, वाह! क्या बात हैं
हमनें कहां -
" अरे, अभी तो ये शुरुआत हैं,
आगे आगे देखिये हम क्या क्या नजरें लातें हैं"
-------------------
" यह दुनिया कभी आपकी थी ही नहीं,
जरा गौरसे देखिये -
सभी हैं आपके....., आप किसीके नहीं...."
-----------------
" मैं बेचारी थकीं हारीं ,
इतनी दूर चली जाउंगी,
बिना खाने - पिने के
मेरी हालत बुरी हो जाएगी
----------------
आप ने बहुत कमाल की गज़ले कही हैं
ReplyDelete